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नसीरुद्दीन शाह का बयान: "बॉलीवुड फिल्मों से भारत की सही तस्वीर गायब"

बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता नसीरुद्दीन शाह एक बार फिर अपने बयान को लेकर सुर्खियों में हैं।

नसीरुद्दीन शाह का बयान: "बॉलीवुड फिल्मों से भारत की सही तस्वीर गायब"

बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता नसीरुद्दीन शाह एक बार फिर अपने बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। इस बार उन्होंने बॉलीवुड फिल्मों पर निशाना साधते हुए कहा है कि ये फिल्में भारत की वास्तविक तस्वीर पेश नहीं कर रही हैं। केरल साहित्य महोत्सव (केएलएफ) में अभिनेत्री पार्वती थिरुवोथु के साथ बातचीत के दौरान नसीरुद्दीन ने यह बात कही।

सिनेमा का उद्देश्य और वास्तविकता
नसीरुद्दीन शाह का मानना है कि सिनेमा का सबसे महत्वपूर्ण कार्य अपने समय का दस्तावेज बनाना है। उन्होंने कहा,
"अगर भविष्य में लोग 2025 के भारत को समझने के लिए बॉलीवुड फिल्मों को देखेंगे, तो यह एक बड़ी त्रासदी होगी।"
उनके अनुसार, गंभीर सिनेमा का उद्देश्य दुनिया में बदलाव लाना नहीं है, बल्कि सवाल खड़े करना है। उन्होंने यह भी कहा कि सच्चाई को दिखाने की कोशिश करने वाली फिल्मों को अक्सर प्रतिबंध और दर्शकों की कमी जैसी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

विवादों से घिरे बयान
यह पहली बार नहीं है जब नसीरुद्दीन शाह के बयान ने विवाद खड़ा किया हो। अपनी फिल्म 'ताज: डिवाइडेड बाय ब्लड' के प्रमोशन के दौरान उन्होंने कहा था कि "मुगल भारत में लूटपाट करने नहीं आए थे।"
उन्होंने मुगलों के योगदान को खलनायक की तरह पेश किए जाने पर चिंता जताई थी। यह टिप्पणी भी चर्चा और विरोध का कारण बनी थी।

प्रसिद्ध फिल्मों से मिली पहचान
निशांत, आक्रोश, स्पर्श और मासूम जैसी फिल्मों में अपनी अदाकारी से सबका दिल जीतने वाले नसीरुद्दीन शाह को अपने बेबाक विचारों के लिए जाना जाता है। हालांकि, उनके हालिया बयान ने बॉलीवुड की मौजूदा स्थिति पर एक नई बहस को जन्म दिया है।

नसीरुद्दीन शाह की चिंता:

  • बॉलीवुड फिल्मों का भारत की सही छवि नहीं दिखाना।

  • सच्चाई पर आधारित फिल्मों को दर्शकों और मान्यता की कमी।

  • भविष्य में फिल्मों के माध्यम से भारत की गलत व्याख्या होने का डर।

यह बयान  बॉलीवुड के बदलते स्वरूप पर सवाल जरूर खड़ा करता है, 

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