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डॉ.प्रकाश हिन्दुस्तानी, वरिष्ठ पत्रकार
डायरेक्टर मुदस्सर अजीज 6 साल पहले 'पति पत्नी और वो' लेकर आए थे। अब फिर ले आए हैं खसम और बीवी को। कैसे सोच लिया कि लोग इस फिल्म को देखकर ठहाके लगाएंगे? खुशी-खुशी घर जाएंगे।
'म्हारा धणी की लुगाई' जैसा नाम रखने से ही कोई फिल्म इंटरेस्टिंग नहीं हो जाती। पर्दे पर ऐसे हालात बनाने पड़ते हैं कि हंसी आ जाए। इसमें भूतपूर्व पति पत्नी हैं और 'वो' है। एक अनार, दो दीनार। दोनों लड़ रही हैं, चीख रही हैं, बेचारा दर्शक पके जा रहा है।
डायरेक्टर मुदस्सर अजीज 6 साल पहले 'पति पत्नी और वो' लेकर आए थे। अब फिर ले आए हैं खसम और बीवी को। कैसे सोच लिया कि लोग इस फिल्म को देखकर ठहाके लगाएंगे? खुशी-खुशी घर जाएंगे। दर्शको को गेलसप्पा समझा है क्या?
घिसीपिटी कहानी की फटफटी कित्ती चलेगी? 'जुदाई', 'सैंडविच', 'गोविंदा मेरा नाम', 'साजन चले ससुराल', 'पति पत्नी और वो' की मिक्स वेजिटेबल है ये फ़िल्म। मराठी में भी ऐसी फिल्म आई है - नवरियाची बायको!
तलाक के बाद भी कई लोगों को एक्स वाइफ/हसबैंड का हैंगओवर रहता है। डरावने सपने आते हैं। हीरो ऐसा ही है। शादी नाम से उसकी रूह कांप जाती है लेकिन इससे दर्शक को हंसी नहीं आती। दर्शकों को जबरन हंसाने की कोशिश की गई है और दर्शक उस पर हंसता नहीं, पक जाता है। इस फिल्म में दो हीरोइन, एक हीरो हैं। दोनों हीरोइन हीरो को पाने के लिए कोशिश करती हैं। एक हीरोइन की टीवी पत्रकार है, दूसरी कॉलेज की क्रश! एक को दुर्लभ स्मृतिदोष (रेट्रोग्रेड एमनेसिया) बीमारी हो जाती है सो सहनुभूति की पात्र है।
फिल्म में कलाकारों की बारात है। अर्जुन कपूर, रकुल प्रीत सिंह, भूमि पेडणेकर, हर्ष गुजराल, कंवलजीत, अनीता राज, टीकू तलसानिया, डीनो मोरिया, शक्ति कपूर... सब है, लेकिन बारात में भाग लेने से बेहतर है भाग ही लो। निर्माता वासु और जैकी भगनानी हैं।
आपको कॉमेडी फिल्में पसंद है तो भी देखने मत जाइए। फिल्म में पकने के अलावा कुछ नहीं।
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