मुंबई। प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक श्याम बेनेगल का सोमवार शाम 90 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। मंथन, अंकुर जैसी फिल्मों के माध्यम से उन्होंने आर्ट फिल्मों को अलग पहचान दिलाई थी।
14 दिसंबर को ही उन्होंने अपना 90वां जन्मदिन मनाया था। उनका जन्म हैदराबाद में साल 1934 में हुआ था। घर में फिल्मी माहौल होने के कारण श्याम बेनेगल की शुरुआत से फिल्मों की रुचि रही थी। यही वजह है कि उन्होंने 12 साल की उम्र में पहली फिल्म की। उनके करियर की शुरुआत साल 1959 में एक विज्ञापन एजेंसी से की थी। इसके बाद उन्होंने 1962 में एक गुजराती डॉक्यूमेंट्री घर बैठा गंगा बनाई। श्याम बेनेगल की हिंदी सिनेमा में असली पहचान फिल्म अंकुर से मिली थी। यह फिल्म 1974 में आई थी।
बेनेगल फिलहाल क्रोनिक किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे। मुंबई के लीलावती अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। सोमवार शाम करीब 7 बजे उन्होंने आखिरी सांसें लीं। अंकुर, निशांत, मंथन 'जुबैदा', 'वेलकम टू सज्जनपुर' और भूमिका जैसी फिल्मों के लिये चर्चित बेनेगल पेरेलल सिनेमा के अग्रणी निर्देशकों में शुमार किये जाते हैं। श्याम बेनेगल ने भारतीय सिनेमा को बेहतरीन कलाकार दिए। इसीरुद्दीन शाह, ओम पुरी, अमरीश पुरी, अनंत नाग, शबाना आजमी, स्मिता पाटिल और सिनेमेटोग्राफर गोविंद निहलानी इनमें शामिल हैं। जवाहरलाल नेहरू और सत्यजीत रे पर डॉक्युमेंट्री बनाने के अलावा उन्होंने दूरदर्शन के लिए धारावाहिक 'यात्रा', 'कथा सागर' और 'भारत एक खोज' का भी निर्देशन किया था। श्याम बेनेगल ने अपने करियर में 24 फिल्में, 45 डॉक्यूमेंट्री और 1500 एड फिल्म्स बनाई हैं। उन्हें 1976 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। 1991 में पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया।
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