नई दिल्ली। प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती को इस बार का दादा साहब फाल्के पुरस्कार दिया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को एक्स पर यह जानकारी साझा की है। केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने लिखा कि यह घोषणा करते हुए मुझे गर्व हो रहा है कि दादा साहब फाल्के चयन जूरी ने दिग्गज अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती को भारतीय सिनेमा में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए यह पुरस्कार देने का फैसला किया है। 8 अक्टूबर को 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में उन्हें इस पुरस्कार से नवाजा जाएगा।
उल्लेखनीय है कि इसी वर्ष मिथुन चक्रवर्ती को राष्ट्रपति ने पद्म भूषण पुरस्कार भी दिया था। बॉलीवुड की 350 से अधिक फिल्मों में अभिनय के अलावा उन्होंने बांग्ला, ओड़िया और भोजपुरी में भी बहुत सारी फिल्में की। मिथुन मोनार्क ग्रुप के मालिक भी हैं जो होस्पिटालिटी सेक्टर में कार्यरत है। उन्होंने अपने दमदार अभिनय से बॉलीवुड की दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। उनका असली नाम गौरांग चक्रवर्ती है। बॉलीवुड में आने के लिए उन्होंने अपना नाम बदल लिया था। हिन्दी फिल्मों में उन्होंने एक अभिनेता के साथ साथ गायक और निर्माता के रूप में भी अपना योगदान दिया है।
मार्शल आर्टस में ब्लैक बेल्ट हैं मिथुन
16 जून साल 1950 में हैदराबाद में जन्में दिग्गज अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती मार्शल आर्टस में ब्लैक बेल्ट भी है। इसी कारण फिल्मों में उनका एक्शन खूब दिखा। मिथुन ने अपनी पढ़ाई कलकत्ता के स्कॉटिश चर्च कॉलेज से पूरी की। इसके बाद उन्होंने पुणे के फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से स्नातक की पढ़ाई पूरी की।
पहली फिल्म में ही राष्ट्रीय पुरस्कार
मिथुन चक्रवर्ती ने 1976 में फिल्मी दुनिया में कदम रखा। पहली फिल्म ‘मृगया’ थी, जिसमें अपने दमदार अभिनय के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के राष्ट्रीय पुरस्कार मिला। 1982 में उनकी फिल्म 'डिस्को डांसर' रिलीज हुई, जिसके बाद वो चर्चा में आ गए। इस फिल्म ने एशिया, सोवियत संघ, पूर्वी यूरोप, मध्य पूर्व, तुर्की और अफ्रीका में शानदार कारोबार किया। हाल हीमें वे 'ओह माय गॉड' जैसी फिल्मों में दिखाई दिए। इसके अलावा उनके सफल करियर में 'अग्निपथ', 'मुझे इन्साफ चाहिए', 'हम से है जमाना', 'पसंद अपनी अपनी', 'घर एक मंदिर' और 'कसम पैदा करने वाले की' सहित कई अन्य शामिल हैं।
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