मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान पर विवाद: बिहार में कोर्ट में परिवाद दायर
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के कथित विवादित बयान को लेकर बिहार के मुजफ्फरपुर में एक स्थानीय अधिवक्ता सुधीर ओझा ने उनके खिलाफ परिवाद दर्ज कराया है
- Published On :
29-Jan-2025
(Updated On : 29-Jan-2025 11:04 am )
मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान पर विवाद: बिहार में कोर्ट में परिवाद दायर
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के कथित विवादित बयान को लेकर बिहार के मुजफ्फरपुर में एक स्थानीय अधिवक्ता सुधीर ओझा ने उनके खिलाफ परिवाद दर्ज कराया है। अधिवक्ता ने खरगे पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने और समाज में धार्मिक असंतुलन फैलाने का आरोप लगाया है।
अदालत में सुनवाई की तारीख तय
मुजफ्फरपुर कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के लिए 3 फरवरी 2025 की तारीख तय की है। अधिवक्ता ओझा का दावा है कि खड़गे के बयान से सनातन हिंदू धर्मावलंबियों की भावनाएं आहत हुई हैं और इस बयान से सार्वजनिक शांति भंग करने का प्रयास किया गया है।
खड़गे का बयान और विवाद
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के त्रिवेणी संगम में स्नान पर टिप्पणी करते हुए कहा था, "क्या गंगा में स्नान करने से गरीबी खत्म हो जाएगी?" खरगे ने आरोप लगाया कि भाजपा नेता केवल कैमरों के लिए धार्मिक क्रियाकलापों में भाग लेते हैं। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य किसी की आस्था पर सवाल उठाना नहीं है।
माफी और स्पष्टीकरण
खड़गे ने कहा कि अगर उनके बयान से किसी की भावनाओं को ठेस पहुंची हो, तो वह इसके लिए माफी मांगते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी टिप्पणी भाजपा नेताओं की राजनीतिक गतिविधियों पर थी और किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का उनका इरादा नहीं था।
परिवाद में कानूनी धाराएं
अधिवक्ता सुधीर ओझा ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की उन धाराओं का उल्लेख किया है, जिनके तहत धार्मिक भावनाएं आहत करने और सार्वजनिक शांति भंग करने के आरोप लगाए जा सकते हैं। अदालत में यह मामला राजनीतिक और सामाजिक बहस का केंद्र बन गया है।
राजनीतिक और कानूनी पहलू
यह मामला राजनीतिक विवाद का रूप ले चुका है। जहां कांग्रेस ने इसे भाजपा की राजनीति से जोड़कर देखा है, वहीं भाजपा समर्थकों ने खड़गे के बयान को आस्था का अपमान बताया है। अब सभी की नजरें 3 फरवरी की सुनवाई पर टिकी हैं।
Previous article
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन की गरिमा और लोकतंत्र की मजबूती पर दिए सुझाव
Leave Comments